Movie Review – संजू : संजय दत्त की जीवनी नहीं, युवा पीढ़ी के लिए आईना है

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संजय दत्त एक फिल्म स्टार है, ऐसा आप तब तक सोच सकते हैं, जब तक आप संजय दत्त के जीवन पर बनी राजकुमार हिरानी निर्देशित फिल्म संजू नहीं देखते हैं। दरअसल, संजय दत्त भी एक आम आदमी है, जो आम जीवन में कई चुनौतियों से गुजरा है। संजू ऐसे व्यक्ति से मिलाती है, जो उजाले से अंधेरे और अंधेरे से उजाले तक का सफर तय करता है। राजकुमार हिरानी ने अपनी पुरानी फिल्मों की तरह संजू में भी बेहतरीन तरीके से कहानी कहना जारी रखा है।

एक युवा लेखिका ‘अनुष्का शर्मा’ संजय दत्त ‘रणबीर कपूर’ के जीवन को किताब की शकल देना चाहती है। युवा लेखिका के साथ संजय दत्त की मुलाकात अख़बार में सुर्खी बन जाती है। अचानक युवा लेखिका से एक व्यक्ति मिलता है, और उसको संजय दत्त के बारे में अनाप शनाप जानकारी देता है। युवा लेखिका फिर से संजय दत्त से मिलती है, और यहां उसको संजय दत्त के जीवन में दिलचस्पी बढ़ने लगती है। तभी वो व्यक्ति लेखिका को कॉल करता है, और संजय दत्त के खिलाफ भड़काने की कोशिश करता है। इस तरह किताब लिखने वाली युवती की यात्रा रोचक होती चली जाती है। इस बीच युवती की मुलाकात संजय दत्त के करीबी दोस्त कमली से होती है। और लेखिका संजय दत्त पर किताब न लिखने के बारे में विचार करती है? ऐसा क्यों होता है जानने के लिए फिल्म संजू देखनी होगी।

संजय दत्त के किरदार में रणबीर कपूर ने कमाल कर दिया है। फिल्म संजू के अंत तक आते आते दर्शकों को संजय दत्त और रणबीर कपूर में अंतर महसूस नहीं होगा। रणबीर कपूर का संजय दत्त में विलीन हो जाना फिल्म संजू का चरम है। अनुष्का शर्मा , सोनम कपूर और अन्य अभिनेत्रियों का काम भी अच्छा है। लेकिन, परेश रावल, मनीषा कोईराला और विक्की कौशल का अभिनय उम्दा और प्रभावशील है।

राजकुमार हिरानी ने फिल्म का निर्देशन बड़ी खूबसूरती के साथ किया है। फिल्म संपादन की भी सहारना करनी होगी। चुटीले संवादों ने संजू की पटकथा में रोचकता बनाए रखी है। फिल्म में मौज मस्ती, हंसने हंसाने से लेकर भावनात्मक पलों तक सब कुछ शामिल है।

दूसरे शब्दों में कहें तो संजू केवल फिल्म अभिनेता संजय दत्त की जीवनी नहीं बल्कि युवा पीढ़ी के लिए आईना है, जिसके सामने खड़े होकर खुद का मुआयना किया जा सकता है। संजू देखने के बाद लगता है कि संजय दत्त के जीवन के उतार चढ़ाव को करीब से महसूस करने के बाद ही राजकुमार हिरानी ने इसको पर्दे पर उतारने का मन बनाया होगा। फिल्म संजू सच्चे रिश्तों की अहमियत भी बताती है, और जीवन में कठिन समय पर न डगमगाने की सलाह भी देती है।

कुल मिलाकर कहें तो संजू एक बेहतरीन फिल्म है। हालांकि, फिल्म को रोचक बनाने के लिए दो अर्थे संवाद डाले गए हैं। इसके अलावा फिल्म में किसी भी तरह की अश्लीलता या नंगेज देखने को नहीं मिलेगा। राजकुमार हिरानी ने फिल्म संजू से सिने प्रेमियों को दो स्टार दे दिए हैं, एक संजय दत्त और दूसरा रणबीर कपूर।

— कुलवंत हैप्पी