पिता की इस लत से खफा थे जावेद जाफ़री, और खुद के दम पर बनायी फिल्म जगत में जगह!

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फिल्मकार सुभाष घई निर्देशित मेरी जंग से फिल्मी कैरियर शुरू करने वाले अभिनेता जावेद जाफ़री ने अपने कैरियर को मेरी जंग समझकर ही आगे बढ़ाया है। जावेद जाफ़री के​ पिता जगदीप सिने जगत का जाना माना चेहरा हैं। लेकिन, फिल्म अभिनेता जावेद जाफ़री ने काम के लिए उनके प्रभाव या नाम का इस्तेमाल कभी नहीं किया।

टाइम्स आॅफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में अभिनेता जावेद जाफ़ेरी ने कहा था, ‘महान फिल्म हस्ती के पुत्र या पुत्री होने के कारण आपको अधिक इज्जत मिलती है। पर, मैंने कभी भी फिल्म जगत में प्रवेश करने के​ लिए अपने पिता का नाम इस्तेमाल नहीं किया। ऐसा ​नहीं है कि मुझे उनके कारण काम मिला है। मेरे पिता ने मेरे के लिए कोई फिल्म नहीं की और नाहीं मुझे लॉन्च किया। उनका मानना था कि हम जो भी करें, अपने बलबूते पर करें।’

इस इंटरव्यू में जावेद जाफ़ेरी ने खुलासा किया था कि उन्होंने कभी भी फिल्म जगत में आने के बारे में नहीं सोचा था, यह सब कुछ संयोग से हुआ। नियति ने अहम भूमिका निभाई और मुझे फिल्म जगत का हिस्सा बनाया।’

एक समय ऐसा भी था, जब जावेद जाफ़री और उनके पिता जगदीप के बीच संबंध सामान्य नहीं हुआ करते थे। इसके पीछे का कारण जावेद जाफ़री ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर जावेद जाफ़री ने कहा था, ‘मैं अपने पिता की जुआ खेलने और शराब पीने की लत से परेशान रहता था। उन्होंने 12 साल के लिए इस लत को छोड़ा, लेकिन, फिर से इसके आदी हो गए। मैं इससे नफरत करता हूं। पर, जैसे जैसे मैं बड़ा हुआ, तो मैंने अपने पिता का सम्मान करना सीखा। उनका जीवन प्रेरणादायक है। देश के बंटवारे के बाद वह मुम्बई आए और मेरी दादी के साथ गलियों में रहे।’

सोशल मीडिया पर समाज मुद्दों पर बेबाक राय रखने वाले जावेद जाफ़री घरेलू जीवन में भी एक अच्छे पति और आजाद ख्यालात के शख्स हैं, इस बात का पता उनके इस उत्तर से लगाया जा सकता है, जिसमें जावेद जाफ़री कहते हैं, ‘मैं कभी अपनी पत्नी हबीबा के सिर पर बंदूक नहीं तानूंगा और नहीं कहूंगा कि तुम बुर्का पहनो। बुर्का इस्लाम की यूनिफॉर्म नहीं है। इस्लाम केवल पहनावे में शालीनता चाहता है।’

बता दें कि जावेद जाफ़री की पत्नी हबीबा पढ़ी लिखी हैं और जावेद जाफ़री की वित्तीय गतिविधियों का प्रबंधन करती हैं।

उल्लेखनीय है कि जावेद जाफ़री का जन्म 4 दिसंबर 1963 को जगदीप उर्फ सैयद इस्तियाक अहमद जाफरी और सुग्रा के घर हुआ। जगदीप के बेटे जावेद जाफ़री ने साल 1985 में फिल्म मेरी जंग में नकारात्मक भूमिका से अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत की थी। हालांकि, उसके बाद जावेद जाफ़री ने पर्दे पर हर रंग को जिया है। अभिनेता जावेद जाफ़री अब तक लगभग 350 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं।

जावेद जाफ़री केवल अभिनेता ही नहीं, बल्कि बेहतरीन डांसर, गायक, कोरियोग्राफर, वीजे, कार्यक्रम मेजबान और विज्ञापन फिल्म निर्माता भी हैं।

जावेद जाफ़री ने आम आदमी पार्टी की ओर से साल 2014 में लखनऊ लोक सभा सीट से राजनाथ सिंह के सामने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में जावेद जाफ़री को चालीस हजार से ज्यादा वोट मिले थे और पांचवें नंबर पर रहे थे।

फिल्म अभिनेता जावेद जाफ़री ने अपना पहला आईआईएफए अवार्ड साल 2006 में फिल्म सलाम नमस्ते में निभाए कॉमिक रोल के लिए जीता था। टेलीविजन की दुनिया में जावेद जाफ़री ने डांस प्रतियोगिता आधारित टेलीविजन शो बूगी वूगी से क्रांति ला दी थी।

जावेद जाफ़री फिल्म जगत और टेलीविजन जगत में दोनों में ही स्वीकार्य हैं। जावेद जाफ़री जल्द ही फिल्म निर्देशक इंद्र कुमार की अगली फिल्म टोटल धमाल में अपना दमदार किरदार निभाते हुए नजर आएंगे। इसके अलावा अभिनेता जावेद जाफ़री फिल्मकार प्रभुराज निर्देशित फिल्म लुप्त कर रहे हैं, जो अगले साल रिलीज होने की संभावना है।

बातौर निर्माता जावेद जाफ़री ने इंशाल्लाह! फुटबाल नामक एक फिल्म बनायी थी, जिसको सामाजिक मुद्दे पर बनी बेहतरीन फिल्म के राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया।