गोलमाल अगेन : मनोरंजक और पैसा वसूल फिल्म

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हॉरर कॉमेडी फिल्में बनाने का चलन दक्षिण भारत में है। हिंदी सिनेमा इस डॉमेन में काफी कम फिल्में बनाता है। लेकिन, फिल्मकार रोहित शेट्टी ने फिल्म दिलवाले से हुई छवि—क्षति की पूर्ति के लिए इसी शैली की फिल्म बनाने का ​फैसला लिया।

जी हां, कॉमेडी फिल्म सीरीज गोलमाल की चौथी किश्त गोलमाल अगेन में फिल्मकार रोहित शेट्टी ने दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर करने के लिए हॉरर का हल्का फुल्का इस्तेमाल किया।

लॉजिक नहीं सिर्फ मैजिक की पंचलाइन वाली इस फिल्म की कहानी एक अनाथालय के आस पास घूमती है। जहां इस अनाथालय की लाइब्रेरियन मैथ्यू को प्रेतआत्माओं से बात करने सामर्थ्य प्राप्त है। वहीं, दूसरी ओर अनाथालय में रहने वाले गोपाल को अंधेरे और भूत प्रेतों से डर लगता है।

गुस्सैल स्वभाव ताकतवर गोपाल से निपटने के लिए अनाथालय में रहने वाले माधव, लक्की और लक्ष्मण 2 उसके इसी डर को अपना हथियार बनाते हैं। एक दिन अचानक गोपाल को उसकी हरकतों के कारण अनाथालय से निकाल दिया जाता है। मगर, गोपाल के साथ साथ लक्ष्मण 1, माधव, लक्की और लक्ष्मण 2 भी अनाथालय छोड़ देते हैं।

25 साल बाद परिस्थितियां गोपाल, लक्ष्मण 1, माधव, लक्की और लक्ष्मण 2 को उसी अनाथालय में वापस ले आती हैं और पांचों को एक ही इमारत में पेइंग गेस्ट के रूप में साथ रहने के लिए मजबूर करती हैं। इसके बाद जो होता है, उसके लिए गोलमाल अगेन ​देखनी होगी।

फिल्म गोलमाल अगेन का फर्स्ट हाफ नाइट्रस ऑक्साइड है, जो आपको गुदगुदाते रहने पर मजबूर करेगा। इस अवधि में कलाकारों की कॉमिक टाइमिंग भी जबरदस्त है। ​वहीं, फिल्म गोलमाल अगेन सैकेंड हाफ में थोड़ी सी सुस्त हो जाती है क्योंकि यहां पर कहानी के कुछ नये अध्याय खुलकर सामने आते हैं, जो कॉमेडी फिल्म को मैलोड्रामा में तब्दील करते हैं।

यहां ​फिल्मकार रोहित शेट्टी का निर्देशन सधा हुआ है। रोहित शेट्टी असल में कॉमेडी और हॉरर का संगम दिखाने में सफल हुए हैं। संवादों पर बेहतरीन तरीके से काम करवाया गया है। स्क्रीन प्ले भी खूबसूरती से लिखा गया है।

लेकिन, फिल्म का अंत करने में रोहित शेट्टी जल्दबाजी करते हुए दिखे। फिल्म में गानों को रखने की जरूरत नहीं थी, जो समय गानों पर बर्बाद किया गया, उसका इस्तेमाल कर फिल्म का अंत काफी शानदार बनाया जा सकता था। फिल्म के अंत में फिल्मकार ​प्रियदर्शन की ट्रिक खेलने की जरूरत थी। विलेन को पलक झपकते ही खत्म करने की जल्दबाजी फिल्म के अंत में दिल तोड़ती है।

गोलमाल अगेन के हर कलाकार ने अपना अपना किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया है। किसी एक की तारीफ करना बेईमानी होगी। हालांकि, कह सकते हैं कि अभिनेत्री तब्बू का किरदार काफी बढ़िया लिखा गया है। अभिनेता नाना पाटेकर की आवाज फिल्म में अलग ही जोश और उत्साह भरती है। नाना पाटेकर की आवाज का इस्तेमाल रोहित शेट्टी एंड टीम ने बेहतर तरीके से किया है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो अभिनेता अजय देवगन, तब्बू, अरशद वारसी, तुषार कपूर, कुणाल खेमू, श्रेयस तलपदे, परिणीति चोपड़ा, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, नील नितिन मुकेश, प्रकाश राज अभिनीत फिल्म गोलमाल अगेन एक मनोरंजक और पैसा वसूल फिल्म है।

: कुलवंत हैप्पी