लिपस्‍टिक अंडर माय बुर्का को नहीं मिला प्रमाण पत्र, जानिये क्‍यों?

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मुम्‍बई। मोहल्‍ला अस्‍सी और हरामखोर के बाद फिल्‍मकार प्रकाश झा निर्मित फिल्‍म लिपस्‍टिक अंडर माय बुर्का भी सीबीएफसी की कसौटी पर खरी नहीं उतरी। केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड ने अलंकृत श्रीवास्‍तव की फिल्‍म को प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया है। हालांकि, यह फिल्‍म पहले ही फिल्‍मोत्‍सवों में धूम मचा चुकी है।

क्‍यों खटकी?

दरअसल, सीबीएफसी को लगता है कि अभिनेत्री कोंकणा सेनशर्मा और रत्ना पाठक शाह अभिनीत फिल्‍म लिपस्‍टिक अंडर माय बुर्का में यौन दृश्‍य, अपशब्‍द, ऑडियो पॉर्नोग्राफी और समाज के एक विशेष तबके की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली कुछ चीजें शामिल हैं। ऐसे में फिल्‍म को प्रमाण पत्र जारी करना असंभव है।

आगे क्‍या?

फिल्‍मकार प्रकाश झा ने समाचार एजेंसी एएनआई से विशेष बातचीत करते हुए कहा, ‘हमारी तो हर फिल्‍म के साथ ऐसा ही होता है। हर बार की तरह इस बार भी फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील करेंगे।’

उधर, फिल्‍म लिपस्‍टिक अंडर माय बुर्का की निर्देशक अलंकृत श्रीवास्तव ने केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड के निर्णय को महिला अधिकारों पर हमला करार दिया है। अलंकृत श्रीवास्‍तव ने कहा, ‘मैंने केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया है। इसके लिए आगे भी लड़ाई जारी रहेगी।’

बोर्ड क्‍या कहता है?

सीएफबीसी अध्‍यक्ष पहलाज निहलानी ने आज तक से बातचीत करते हुए कहा, ‘फिल्‍म लिपस्‍टिक अंडर माय बुर्का को प्रतिबंधित नहीं किया गया बल्‍कि निर्माता निर्देशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जो एक प्रक्रिया का हिस्‍सा है। यदि निर्माता निर्देशक अपीलीय बोर्ड या कोर्ट में जाना चाहते हैं तो उनको जाने का अधिकार है।’