जानिए, सरनेम को लेकर क्‍या सोचती हैं नामकरण अदाकारा बरखा बिष्‍ट?

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मुम्‍बई। फिल्‍मकार महेश भट्ट के धारावाहिक नामकरण में मुख्‍य भूमिका निभाने वाली टेलीविजन अभिनेत्री बरखा बिष्‍ट का मानना है कि एक महिला को समाज में सम्‍मान पाने के लिए पुरुष के सरनेम की जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि बरखा बिष्‍ट नामकरण में आशा की भूमिका निभा रही हैं, जो आशीष (फिराफ पटेल) से प्‍यार करती है। यह हिन्‍दु मुस्‍लिम लड़के लड़की के प्रेम संबंधों पर आधारित धारावाहिक नामकरण महिला को सरनेम की जरूरत क्‍यों होती है? जैसे सवाल पर उठाता है। हालांकि, इस सवाल का जवाब आगे जाकर मिलेगा या नहीं यह तो महेश भट्ट और उनकी टीम जानती है।

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लेकिन, टेलीचक्‍कर डॉट कॉम की रिपोर्ट अनुसार इस धारावाहिक में मुख्‍य भूमिका निभाने वाली बरखा बिष्‍ट का कहना है कि समाज में नाम और सम्‍मान कमाने के लिए महिला को किसी पुरुष के सरनेम की जरूरत नहीं होती है। बरखा बिष्‍ट का मानना है कि महिला की पहचान उसके खुद के काम से होनी चाहिए।

साल 2008 में इंद्रनील सेनगुप्‍ता के साथ वैवाहिक जीवन शुरू करने वाली बरखा बिष्‍ट ने अपने नाम के पीछे सेनगुप्‍ता सरनेम लगाने संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उनको ऐसा करने के लिए किसी प्रकार के दबाव का सामना नहीं करना पड़ा, हालांकि, कुछ विशेष कारणों के चलते ऐसा करना पड़ा। मैं ऐसा किया लेकिन मैं सच में इस में विश्‍वास नहीं करती हूं।

naamkarannचलते चलते…
आप कितने ही आजाद ख्‍यालात के हो जाएं, लेकिन भारतीय कानून आपको सरनेम लगाने पर बाध्‍य करता है क्‍योंकि भारत में पासपोर्ट, आधार कार्ड, राशन कार्ड बनाने जैसे कार्यों के लिए आपको अनिवार्य रूप से पिता या पति का सरनेम इस्‍तेमाल करना होता है।