फिल्म ‘तेरा सुरूर’ की समीक्षा

0
306

गायक अभिनेता हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘तेरा सुरूर’ देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। पौने दो घंटे लंबी थ्रिलर फिल्म में थ्रिलर जैसा कुछ भी नहीं है। अ​भिनेता हिमेश रेशमिया पोस्टर में निराशा नजर आते हैं, तो दर्शक सिने हाल के बाहर, जो देखकर निकले हैं।

हिमेश रेशमिया ‘रघु’, उसकी गर्लफ्रेंड फराह करीमी ‘तारा’, कबीर बेदी ‘एए खान’, शेखर कपूर ‘राजवीर कौल’ और नसीरुद्दीन शाह ‘रॉबिन सेंटिनो’

यदि फिल्म की कहानी की बात करें तो रघु नामक नायक अपनी प्रेमिका तारा को बचाने के लिए ​विदेश पहुंचता है। रघु की प्रेमिका को कुछ लोग एक साजिश के तहत फंसा देते हैं। जेल में बंद प्रेमिका को बाहर निकालने के लिए रघु एए खान, राजवीर कौल और रॉबिन सेंटिनो की मदद लेता है। बस इस के आस पास पूरी कहानी को बुना गया है। रघु अपनी प्रेमिका को बाहर ​निकालने के​ लिए कानूनी रास्ता अपनाता है या चोरी रास्ता ? इसके लिए तेरा सुरूर देखें।

कहानी को मजबूत बनाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। नायक को सरेआम हत्याएं करते हुए, गोलियां चलाते हुए देखकर लगता है कि डबलिन में कानून नामक कोई चीज नहीं है। क्लाईमेक्स भी अधिक मजेदार नहीं है, जो कि किसी भी फिल्म की जान होता है। हालांकि, निर्देशक शॉन अरान्हा ने फिल्म को आकर्षक लुक देने की कोशिश की है।

हिमेश रेशमिया एक अभिनेता के रूप में ​बिलकुल नहीं जमते हैं। फराह करीमी भी कुछ बेहतर अभिनय करती नजर नहीं आई। फिल्म की महत्वपूर्ण कड़ियां हिमेश और सराह की सबसे कमजोर हैं। नसीरुद्दीन शाह, कबीर बेदी और शेखर कपूर की भूमिकाएं आटे में नमक जितनी हैं।

फिल्मी कैफे दर्शकों को अपने रिस्क पर ‘तेरा सुरूर’ देखने की सलाह देता है। साथ में कहता है कि यह समीक्षक की अपनी राय है, जो सब पर लागू नहीं होती, क्योंकि नजरिया अपना अपना होता है।